A Review Of Hanuman Chalisa Lyrics

सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा । राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । भीम रुप धरि असुर संहा�

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